मन की शक्तियाँ (Hindi Self-help)
मन की शक्तियाँ सचमुच बड़ी ही आश्चर्यजनक हैं। स्वामी विवेकानन्दजी ने इस पुस्तक में इन शक्तियों की बड़ी अधिकारपूर्ण रीति से विवेचना की है तथा उन्हें…
मन की शक्तियाँ सचमुच बड़ी ही आश्चर्यजनक हैं। स्वामी विवेकानन्दजी ने इस पुस्तक में इन शक्तियों की बड़ी अधिकारपूर्ण रीति से विवेचना की है तथा उन्हें…
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Author : स्वामी विवेकानन्द
Genre : Self-Help
Summary : मन की शक्तियाँ सचमुच बड़ी ही आश्चर्यजनक हैं। स्वामी विवेकानन्दजी ने इस पुस्तक में इन शक्तियों की बड़ी अधिकारपूर्ण रीति से विवेचना की है तथा उन्हें प्राप्त करने के साधन भी बताए हैं।
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Author : सतगुर प्रसाद
Genre : Foreign Language Study
Summary : आखिर यह पुस्तक क्यों o मैं बहुत खुश हूँ कि मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के एक सामान्य अशिक्षित परिवार में हुआ। o मैंने कम उम्र में कामयाब होने की अदम्य तमन्ना के साथ अपने जीवन की शुरुआत की। o मैंने उत्तर प्रदेश के छोटे शहर को अपनी कर्मभूमि बनाया। o मैंने पढ़ाई के दौरान ही साथ-साथ सुन्दर जीवन जीने के तौर-तरीके जगह-जगह सीखे। o मैं जब ग्यारहवीं (11वीं) कक्षा में पढ़ रहा था तब अधिकतर लोग यह कहते हुए मिल जाते थे कि कामयाब होने के लिए तीस से चालीस साल लग जाते हैं। तो यही मेरा प्रश्न बन गया कि लोग कम उम्र में कामयाब क्यों नहीं हो पाते हैं? इस प्रश्न का जवाब ढ़ूँढ़ते-ढ़ूँढ़ते मैं ग्रेज्युएशन में पहुंच गया और अधिकतर सफल लोगों से मिलने तथा अधिकतर किताबों को पढ़ने पर पता चला कि जिसकी वजह से आप कम उम्र में कामयाब हो सकते हैं उस ज्ञान के बारे में तो हमें 0.01 प्रतिशत भी मालुमात नहीं हैं क्योंकि किसी स्कूल, कालेज या यूनिवर्सिटी में माइंड एण्ड लाइफ अर्थात मन की शक्ति तथा जिन्दगी को सफल बनाने वाले कोर्स नहीं सिखाये जाते हैं तो जाहिर सी बात है कि आपको तीस से चालीस साल लग ही जायेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन यदि आप मन की शक्ति अर्थात माइण्ड पावर, पब्लिक स्पीकिंग तथा सफलता के कुछ स्टेप्स सीख लेते हैं तो आप बिना किसी डर के कम उम्र में कामयाब हो सकते हैं। जैसे कि मैं भी कम उम्र में कामयाब हुआ हूँ। मैंने अट्ठारह की उम्र में तीन किताबें लिखीं। और दस से बीस हजार लोगों को माइण्ड पावर, पब्लिक स्पीकिंग और सफलता व लाइफ से सम्बन्धित चीजें सिखाईं। 18 वर्ष की उम्र में ही अधिकतर लोगों का मेण्टर बन गया। आप भी ये सभी चीजें सीखिए और आप भी बन जाइए “कम उम्र में कामयाब” धैर्य रखिए कम उम्र में कामयाब होने की सम्पूर्ण जानकारी इस पुस्तक में समझायी गयी है। आप इस पुस्तक को पढ़ रहे हैं यानी अब आपने कम उम्र में कामयाब होने की शुरूआत कर दी है। आपको बधाई हो। - सतगुर प्रसाद
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Author : Swami Vivekananda
Genre :
Summary : मनुष्य यदि जीवन के लक्ष्य अर्थात् पूर्णत्व को प्राप्त करने का इच्छुक है तो उसके लिए यह आवश्यक है कि वह अपने मन के स्वभाव को भलीभाँति परख ले। मन की शक्तियाँ सचमुच बड़ी ही आश्चर्यजनक हैं। स्वामी विवेकानन्दजी ने इस पुस्तक में इन शक्तियों की बड़ी अधिकारपूर्ण रीति से विवेचना की है तथा उन्हें प्राप्त करने के साधन भी बताए हैं। स्वामीजी स्वयं एक सिद्ध महात्मा थे; उन्हें उन साधनाओं का पूर्ण ज्ञान था जिनके सहारे एक साधक चरम उद्देश्य अर्थात् आत्मानुभूति प्राप्त कर सकता है। यह सत्य है कि ये साधनाएँ भिन्न भिन्न व्यक्तियों के स्वभाव तथा उनकी प्रकृति के अनुसार अलग अलग हो सकती हैं। और इस पुस्तक में स्वामीजी ने उन साधनाओं को व्यवहार में लाने के लिए वे उपदेश तथा सुझाव दे दिए हैं जो साधक के लिए वास्तव में बड़े उपयोगी सिद्ध होंगे।
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Author : Dr. Joseph Murphy
Genre : Self-Help
Summary : -
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Author : स्वामी विवेकानन्द
Genre : Religion
Summary : स्वामीजी ने ज्ञानयोग का विवेचन उपनिषद् तथा भगवद्रीता के आधार पर किया है और इस प्रकार इन प्रवचनों में उन्होंने यह स्पष्ट दर्शाया है कि ज्ञानयोग साधक को किस तरह मुक्ति के लक्ष्य की ओर ले जाता है। साथ ही उन्होंने यह भी बड़े सरल ढंग से बतला दिया है कि ज्ञानयोग के मार्ग में सफल होने के लिए किन गुणों तथा साधना की आवश्यकता है। इस ज्ञानयोग का अनुसरण कर आत्मज्ञान में प्रतिष्ठित हो शाश्वत सुख की प्राप्ति किस प्रकार हो सकती है, इसका दिग्दर्शन भी स्वामीजी ने बड़े सुन्दर एवं युक्तियुक्त रूप से किया है। आदर्श जीवनगठन के लिए ज्ञानयोग किस रूप से उपयुक्त है, इस सम्बन्ध में स्वामी विवेकानन्दजी के ओजपूर्ण विचार सभी का निश्चित मार्गदर्शन करेंगे।
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Author : GENEVIEVE BEHREND
Genre : Self-Help
Summary : दृढ़ता से ध्यान में रखना चाहिए कि यह सब केवल उस व्यक्ति के लिए सच हो सकता है जो यह स्वीकार करता है कि वह सभी मूल सार्वभौमिक जीवन की आत्मा से एक घृणित मानसिक चित्र बनाने के लिए अपनी शक्ति प्राप्त करता है और रचनात्मक रूप से इसका उपयोग केवल इतने लंबे समय तक किया जा सकता है आत्मा की प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाता है और उसे बनाए रखा जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस सार्वभौमिक मूल आत्मा से उनके संबंध के बारे में व्यक्ति के विचार का कोई उलटा नहीं होना चाहिए जो कि एक बेटा या बेटी है जिसके माध्यम से माता-पिता का दिमाग काम करता है और प्रतिक्रिया करता है।
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Author : स्वामी विवेकानन्द
Genre : Self-Help
Summary : स्वामी विवेकानन्द के सन्देशों में भारत के आध्यात्मिक भण्डार का सारतत्त्व समाहित है जिसे उन्होंने आधुनिक परिप्रेक्ष्य में वैज्ञानिक आधार पर सहज-सरल शब्दों में हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। ये सभी विश्वमानवता के लिए प्रेरणादायी हैं. समाज के सभी वर्ग, सभी धर्म एवँ सभी जातियों के मनुष्यों के लिए समान रूप से उपयोगी है। स्वामीजी की शक्तिशाली प्रोत्साहक वाणी युवकों के मन को जगाने वाली है। आत्मविश्वास एवं जीवन की समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करने वाली, उनके हदय में प्रेम एवं सेबाभाव उत्पत्न्न करनेयाली, हमेशा नैतिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करने वाली एवं जीवन की कठिनाइयों और अनिश्चितता के समय सही मार्गदर्शन करने वाली है। प्रस्तुत पुस्तक स्वामी के प्रसिद्ध उपदेशों एवं प्रेरणादायी उक्तियों का संग्रह है, जिसे विवेकानन्द साहित्य से लिया गया है