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Baba Ki Kahaniya Pratishodh


Baba Ki Kahaniya Pratishodh
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Baba Ki Kahaniya Pratishodh


Baba Ki Kahaniya Pratishodh
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Author : Satya Prakash Shukla
language : hi
Publisher: BFC Publications
Release Date : 2024-03-15

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Caravan Pratishodh Book 2 Of 4


Caravan Pratishodh Book 2 Of 4
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Author : Shamik Dasgupta
language : hi
Publisher: YALI DREAM CREATIONS
Release Date : 2021-10-16

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युगों से रक्तपिपासु पिशाचों का एक समूह भारतीय रेगिस्तानों पर नौटंकी एवं क्रीङांगण (सर्कस) का वेष धरे भ्रमण करता आ रहा है । वे असंदेही गाँववालों को अपने आहार हेतु लुभाते हैं जिसकी चकाचौंध से अंधे होकर गाँववाले उन्हें अपने गाँव में मृत्यु का तांडव करने का निमंत्रण दे देते हैं । सदियों से इनके अस्तित्व और इनके भयावह कर्मों पर आजतक किसी को न ही शक हुआ एवं न ही किसी की नजर गयी किन्तु सिर्फ तबतक जबतक की इनके हमले से एक ‘आसिफ’ नामक बच्चा बच नहीं निकला । बड़ा होकर आसिफ एक तस्कर बनता है और एक दिन पकड़ा जाता है । पुलिस ऑफिसर जय और आसिफ रेगिस्तान में फस जाते हैं और एक किले में आश्रय लेते हैं जो बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स के नियंत्रण में आता है, जिसका हेड ऑफिसर चंचल और कट्टर ‘दरोगा भैरो सिंह’ है । उस भयवाह रात में सीमा पर एक बार पुनः पिशाचों का कारवाँ नजर आता है, आसिफ इससे भयभीत हो जाता है और सभी को सतर्क होने की चेतावनी भी देता है लेकिन कोई भी उसपर यकीन नहीं करता । नौटंकी की चकाचौंध में आसिफ की बात को नकार कर एवं पिशाचों को किले में आमंत्रित करके ये सबसे बड़ी भूल कर देते हैं, फलस्वरूप पिशाचों के रक्तपात से वो रात एक खुनी रात में तब्दील हो जाती है । आसिफ, जय, दुर्गा और भैरो सिंह एकसाथ मिलकर पिशाचों का सामना करते हैं। अपनी दिलेरी से ये उन पिशाचों का सर्वनाश कर देते हैं, पर दुर्भाग्यवश इस जंग में दरोगा भैरो सिंह की जान चली जाती है। आसिफ द्वारा किये गए विस्फोट से किले के साथ-साथ सारे पिशाच भी जलकर ख़ाक हो जाते हैं, पर पिशाचों की महारानी भैरवी उससे बाच निकलती है और जय की गर्दन काट लेती है, जय मरते-मरते भैरवी को भी साथ लेकर मरता है। निराशा, दुःख और भय जैसे न जाने कितने ही दर्दनाक भाव लिए आसिफ और दुर्गा वहाँ से बच निकलते हैं, उनके साथ रह जाती है तो बस उस भयानक रात की भयानक यादें।



Sai Baba Ke Sandesh


Sai Baba Ke Sandesh
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Author : Dr. Satya Pal Ruhela
language : hi
Publisher: Diamond Pocket Books (P) Ltd.
Release Date :

Sai Baba Ke Sandesh written by Dr. Satya Pal Ruhela and has been published by Diamond Pocket Books (P) Ltd. this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on with categories.




Kahaniyan Rishton Ki Pita


Kahaniyan Rishton Ki Pita
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Author : Raju Sharma
language : hi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Release Date : 2014-01-01

Kahaniyan Rishton Ki Pita written by Raju Sharma and has been published by Rajkamal Prakashan this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on 2014-01-01 with Short stories categories.


भारतीय समाज में रिश्तों को जितनी मजबूती, आत्मीयता और उर्जा हासिल रही हैं, वह विरल है ! एक तरह से कहा जा सकता है कि इस देश के यथार्थ को रिश्तों की समझ के बगैर जाना-समझा नहीं जा सकता है ! माँ-पिता, भाई-बहन, दोस्त, दादी-नानी, बाबा-नाना, मामा, मौसा-मौसी, बुआ-फूफा, दादा, चाचा, दोस्ती अनगिनत समबन्ध हैं जो लोगों के अनुभव-संसार में जिवंत हैं और जिनसे लोगों का अनुभव-संसार बना है ! इसलिए हमारे देश की विभिन्न भाषाओँ में लिखी गई कहानियों, उपन्यासों आदि में ये रिश्ते बार-बार समूची ऊष्मा, जटिलता और गहनता के साथ प्रकट हुए हैं ! न केवल लेखकों, कवियों, कलाकारों बल्कि सामाजिक चिंतकों के लिए भी ये रिश्ते एक तरह से लिटमस पेपर हैं जिनसे वे अपने अध्ययन क्षेत्र के निष्कर्षों, स्थापनाओं, सिद्धांतो की जाँच कर सकते हैं ! अतः रिश्तों पर रची गई कहानियों की यह श्रंखला हमारी दुनिया का अंकन होने के साथ-साथ हमारी दुनिया को पहचानने और उसकी व्याख्या करने की परियोजना के लिए सन्दर्भ कोष के रूप में भी ग्रहण की जा सकती है !



Premchand Ki Sarvashrestha Kahaniyan


Premchand Ki Sarvashrestha Kahaniyan
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Author : Premchand
language : hi
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Release Date : 2016-11-02

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प्रेमचंद की प्रत्येक कहानी मानव-मन के अनेक दृश्यों चेतना के अनेक छोरों सामाजिक कुरीतियों तथा आर्थिक उत्पीड़न के विविध आयामों को अपनी संपूर्ण कलात्मकता के साथ अनावृत्त करती है । कफन, नमक का दारोगा, शतरंज के खिलाड़ी, वासना की कड़ियाँ, दुनिया का सबसे अनमोल रतन आदि, सैकड़ों रचनाएँ ऐसी हैं जो विचार और अनुभूति दोनों स्तरों पर पाठकों को आज भी आंदोलित करती हैं । वे एक कालजयी रचनाकार की मानवीय गरिमा के पक्ष में दी गई उद्‌घोषणाएँ हैं । समाज के दलित वर्गों आर्थिक और सामाजिक यंत्रणा के शिकार मनुष्यों के अधिकारों के लिए जूझती मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियाँ हमारे साहित्य की सबलतम निधि हैं ।



Caravan Pratishodh Book 3 Of 4


Caravan Pratishodh Book 3 Of 4
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Author : SHAMIK DASGUPTA
language : hi
Publisher: YALI DREAM CREATIONS
Release Date :

Caravan Pratishodh Book 3 Of 4 written by SHAMIK DASGUPTA and has been published by YALI DREAM CREATIONS this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on with Antiques & Collectibles categories.


युगों से रक्तपिपासु पिशाचों का एक समूह भारतीय रेगिस्तानों पर नौटंकी एवं क्रीङांगण (सर्कस) का वेष धरे भ्रमण करता आ रहा है । वे असंदेही गाँववालों को अपने आहार हेतु लुभाते हैं जिसकी चकाचौंध से अंधे होकर गाँववाले उन्हें अपने गाँव में मृत्यु का तांडव करने का निमंत्रण दे देते हैं । सदियों से इनके अस्तित्व और इनके भयावह कर्मों पर आजतक किसी को न ही शक हुआ एवं न ही किसी की नजर गयी किन्तु सिर्फ तबतक जबतक की इनके हमले से एक ‘आसिफ’ नामक बच्चा बच नहीं निकला । बड़ा होकर आसिफ एक तस्कर बनता है और एक दिन पकड़ा जाता है । पुलिस ऑफिसर जय और आसिफ रेगिस्तान में फस जाते हैं और एक किले में आश्रय लेते हैं जो बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स के नियंत्रण में आता है, जिसका हेड ऑफिसर चंचल और कट्टर ‘दरोगा भैरो सिंह’ है । उस भयवाह रात में सीमा पर एक बार पुनः पिशाचों का कारवाँ नजर आता है, आसिफ इससे भयभीत हो जाता है और सभी को सतर्क होने की चेतावनी भी देता है लेकिन कोई भी उसपर यकीन नहीं करता । नौटंकी की चकाचौंध में आसिफ की बात को नकार कर एवं पिशाचों को किले में आमंत्रित करके ये सबसे बड़ी भूल कर देते हैं, फलस्वरूप पिशाचों के रक्तपात से वो रात एक खुनी रात में तब्दील हो जाती है । आसिफ, जय, दुर्गा और भैरो सिंह एकसाथ मिलकर पिशाचों का सामना करते हैं। अपनी दिलेरी से ये उन पिशाचों का सर्वनाश कर देते हैं, पर दुर्भाग्यवश इस जंग में दरोगा भैरो सिंह की जान चली जाती है। आसिफ द्वारा किये गए विस्फोट से किले के साथ-साथ सारे पिशाच भी जलकर ख़ाक हो जाते हैं, पर पिशाचों की महारानी भैरवी उससे बाच निकलती है और जय की गर्दन काट लेती है, जय मरते-मरते भैरवी को भी साथ लेकर मरता है। निराशा, दुःख और भय जैसे न जाने कितने ही दर्दनाक भाव लिए आसिफ और दुर्गा वहाँ से बच निकलते हैं, उनके साथ रह जाती है तो बस उस भयानक रात की भयानक यादें।



Ramakatha Rasavahini


Ramakatha Rasavahini
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Author : Sathya Sai Baba
language : en
Publisher:
Release Date : 1985-01-01

Ramakatha Rasavahini written by Sathya Sai Baba and has been published by this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on 1985-01-01 with categories.




The Lover Boy Of Bahawalpur


The Lover Boy Of Bahawalpur
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Author : Rahul Pandita
language : en
Publisher: Juggernaut Publications India
Release Date : 2023-11-09

The Lover Boy Of Bahawalpur written by Rahul Pandita and has been published by Juggernaut Publications India this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on 2023-11-09 with categories.


The sinister roots of the strike, they would discover, are several decades deep and can be traced to one man - Masood Azhar - and the empire of terror he created in Kashmir.



37 Hindi Sahitya


 37 Hindi Sahitya
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Author : प्रेमचन्द
language : hi
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Release Date : 2014-05-25

37 Hindi Sahitya written by प्रेमचन्द and has been published by Bhartiya Sahitya Inc. this book supported file pdf, txt, epub, kindle and other format this book has been release on 2014-05-25 with Fiction categories.


मुंशी प्रेमचन्द एक व्यक्ति तो थे ही, एक समाज भी थे, एक देश भी थे। व्यक्ति समाज और देश तीनों उनके हृदय में थे। उन्होंने बड़ी गहराई के साथ तीनों की समस्याओं का अध्ययन किया था। प्रेमचन्द हर व्यक्ति की, पूरे समाज की और देश की समस्याओं को सुलझाना चाहते थे, पर हिंसा से नहीं, विद्रोह से नहीं, अशक्ति से नहीं और अनेकता से भी नहीं। वे समस्या को सुलझाना चाहते थे प्रेम से, अहिंसा से, शान्ति से, सौहार्द से, एकता से और बन्धुता से। प्रेमचन्द आदर्श का झण्डा हाथ में लेकर प्रेम एकता, बन्धुता, सौहार्द और अहिंसा के प्रचार में जीवन पर्यन्त लगे रहे। उनकी रचनाओं में उनकी ये ही विशेषतायें तो है। प्रेमचन्द जनता के कथाकार थे उनकी कृतियों में समाज के सुख-दुःख, आशा-आकाँक्षा, उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे हृदयों को झकझोरते हैं। वे भारत के प्रमुख कथाकार थे, जिनको पढ़े बिना भारत को समझना संभव नहीं। भारतीय साहित्य संग्रह ने उनकी 322 कहानियों को इस ‘प्रेमचन्द की कहानियां’ श्रृंखला के 46 भागों में सुधी पाठकों पाठकों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। - प्रकाशक





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Author : डॉ. शैलजा तुलजाराम होटकर
language : hi
Publisher: Ashok Yakkaldevi
Release Date : 2021-12-04

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दलित साहित्य को लेकर कई दशकों से यही प्रश्न उठाया जा रहा है कि क्या साहित्य भी दलित हो सकता है? इसी विषय पर अनेक चर्चाएँ हुई हैं, अनेक विचार गोष्ठियाँ भी आयोजित की गयी हैं, परन्तु आज तक यह प्रश्न तो प्रश्न ही बनकर रह गया है। शायद आगे भी यह शाश्वत प्रश्न बनकर रहेगा। जब तक दलित साहित्य को साहित्य मानने से अकेला साहित्यकार भी विरोध नहीं कर सकता, तब तक यह प्रश्न अनेक दिलों और दिमाग को टटोलते ही रहेगा कि दलित-साहित्य क्या है? मेरे मतानुसार इस प्रश्न का उत्तर बड़ा ही आसान है - ‘‘जो दलितों के भोगे हुए समस्याओं के प्रति दलित द्वारा लिखा हुआ साहित्य हो उसे दलित साहित्य कहना चाहिए। जिसमें मानवता का सुगंध फैला हो, गरीबी, अस्पृश्यों की आहें भरी आवाजों को आनंद देने वाला मरहम हो, अस्पृश्यता का खुलकर विरोध हो, सामाजिक न्याय पाने के लिए संघर्षशील विचार हो, सबसे बढ़कर ब्राह्मणवाद का खंडन हो, जिसके कारण सदियांे से दलितों को सामाजिक, आर्थिक आदि न्याय से वंचित रहना पड़ा हो।’’